हरदोई जिले में शिक्षा की अलख जगाने को ब्रिटिश हुकूमत में कटियारी नरेश राजा रुकमांगद सिंह ने जमीन खरीदकर जिस कालेज की स्थापना की थी, उसके 100 साल पूरे हो गए। आज भी इस कालेज की इमारत अपनी अनोखी छटा बिखेर रही है। कालेज से पढ़कर निकले छात्रों ने सूबे में ही नहीं देश में नाम रोशन किया है। पुरानी यादों को ताजा करते हुए कालेज का स्वर्ण शताब्दी समारोह का आगाज आज से शुरू हो रहा है।
कटियारी नरेश का सपना था कि जिले के नौनिहाल पढ़कर लिखकर देश विदेश में यहां का नाम रोशन करें। इसी मंशा से उन्होंने नघेटा रोड पर जमीन खरीदकर एक स्कूल बनाने का निर्णय लिया। ब्रिटिश हुकू मत में इस स्कूल को खोलने मेें काफी अड़चनें भी आईं, पर ठाकुर मशाल सिंह के सहयोग से उन्होंने इन बाधाओं को पार कर वर्ष 1914 में स्कूल की स्थापना कर इसकी जिम्मेदारी ठाकुर मशाल सिंह को सौंपी। उन्होंने कालेज की भव्य इमारत तैयार कर उसमें कक्षाओं का संचालन शुरू करवाया। इंटरमीडिएट का दर्जा दिलाने में ठाकुर सुरेंद्र विक्रम सिंह ने अहम भूमिका निभाते हुए कक्षाओं का संचालन कराया। स्कूल पहले प्रधानाध्यापक के रूप में अयोध्या सिंह राठौर की नियुक्ति की गई।
तत्कालीन प्रबंधक और प्रधानाध्यापक के प्रयासों से अंग्रेजी हुकू मत ने वर्ष 1922 में हाईस्कूल कक्षाओं की मान्यता दे दी। इसके बाद वर्ष 1935 में ठाकुर मशाल सिंह निधन हुआ और प्रबंध तंत्र की जिम्मेदारी ठाकुर सुरेंद्र विक्रम सिंह के कंधों पर आ गई। उन्होंने इस स्कूल को और आगे बढ़ाने का प्रयास किया। वर्ष 1942 में जहां एक ओर आजादी की लड़ाई चल रही थी, वहीं प्रबंध तंत्र ने इस स्कूल को इंटरमीडिएट का तोहफा दिया। इस दौरान जो भी प्रबंधक रहा उसने कालेज के विकास को गति प्रदान की। आजादी के बाद वर्ष 1948 में तत्कालीन प्रधानाचार्य राजवंत सिंह के अनुरोध पर तत्कालीन प्रबंधक ने इंटरमीडिएट में विज्ञान, कृषि व वाणिज्य विषय के अध्ययन की व्यवस्था की।
कृषि अध्ययन मेेें छात्रों को उत्साह न होने से कृषि की कक्षाएं बंद हो गई। वर्तमान मेें कालेज प्रबंधक कीर्ति सिंह और प्रधानाचार्य वीरेंद्र सिंह राठौर के निर्देशन में स्कूल स्वर्ण शताब्दी समारोह का आयोजन कर रहा है। फिलहाल समारोह में उन पूर्व छात्रोें को भी आमंत्रित किया गया है, जो जनपद का नाम रोशन कर रहे है। उधर, सपा के राष्ट्रीय महासचिव डा. अशोक बाजपेयी समेत कई प्रमुख लोगों ने इस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण की। कालेज प्रबंधक कीर्ति सिंह ने बताया कि बाजपेयी के अलावा जनरल मैनेजर एसबीआई सत्येंद्र विक्रम सिंह, ग्रुप कैप्टन रविंद्र कुमार समेत कई आईएएस व आईपीएस इसी विद्यालय में पढ़कर आगे निकले हैं।
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