
साण्डी पक्षी अभयारण्य उत्तर प्रदेश प्रदेश के हरदोई में स्थित है। साण्डी पक्षी अभयारण्य की स्थापना 1990 ई. में हुई थी। यह अभयारण्य लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभयारण्य लगभग तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
यहां पक्षियों की अनेक प्रजातियां देखी जा सकती है। यहां घूमने के लिए सबसे उचित समय दिसम्बर से फरवरी है।
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वाच टॉवर |
विश्व में पक्षियों की लगभग 10000 दस हजार प्रजातियां हैं। उनमें से लगभग 1300 प्रजातियां भारत में पायी जाती हैं और उसमें से उत्तर प्रदेश में 550 प्रजातियां पायी जाती हैं। इनमें से कुछ प्रजातियां केवल सर्दियों के मौसम में ही दिखलायी पडती हैं। वे सामान्यतः प्रवासी पक्षी हैं- जैसे पर्पल सनबर्ड जो उत्तर प्रदेश के हृदय स्थल में स्थित हरदोई जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित साण्डी पक्षी विहार में दिसम्बर के दूसरे सप्ताह के आसपास दिखलाई पडता है।
उत्तर प्रदेश में गंगा के मैदानी भाग के पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण हेतु 12 पक्षी बिहारों की स्थापना की गई है।
उत्तर प्रदेश में गंगा के मैदानी भाग के पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण हेतु 12 पक्षी बिहारों की स्थापना की गई है।
यह पक्षी बिहार प्रदेश के हृदयस्थ भू-भाग में स्थित जनपद हरदोई में , हरदोई शहर के निकट हरदोई सांडी मार्ग के किनारे स्थित प्राचीन "दहर झील" के नाम से विख्यात 308.5432 हेक्टर क्षेत्र में स्थित है।
पक्षी बिहार के पास ही गर्रा नदी बहती है जिसका प्राचीन नाम गरुण गंगा है, पक्षी बिहार में आने वाली प्रवासी पक्षी कुछ समय के लिए इसमे भी विश्राम करते हैं।
शीतकाल के प्रारंभ होते ही नवंबर महीने से प्रवासी पक्षियो का आवागमन प्रारंभ हो जाता है। जनवरी फरवरी महीने मे यह पक्षी बिहार अपने चरम सौंदर्य पर रहता है। पक्षियों के कोलाहल किल्लोल आदि से एक मनमोहक नजारा देखने को मिलता है।
ग्रीष्मकाल के आगमन पर मार्च महीने तक यह प्रवासी अतिथि शनै: शनै: पुनरागमन के लिए वापस अपने अपने देश लौट जाते हैं ।

अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट : http://sandisanctuary.com
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